ट्रेन का आरक्षित टिकट लेते समय वेटिंग मिलने पर सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि यह कन्फर्म होगा या नहीं। इस परेशानी को दूर करने के लिए रेलवे व्यवस्था करने जा रहा है। इसके तहत आरक्षित टिकट लेते समय वेटिंग मिलने पर स्क्रीन पर यह भी दिखाया जाएगा कि सीट कन्फर्म होगी या नहीं। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए सेंटर फॉर रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) को सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए कहा है।
■ बुकिंग करते समय स्क्रीन पर ही आ जाएगा टिकट कंफर्म होगा या नहीं
■ क्रिस को साफ्टवेयर तैयार करने के लिए कहा गया
ट्रेनों में बीच के स्टेशनों का सीट का कोटा होता है। उस स्टेशन से कोई यात्री टिकट नहीं लेता है तो वेटिंग वाले यात्रियों को बर्थ उपलब्ध करने का प्रावधान है। इसके अलावा कई अन्य श्रेणी का भी कोटा होता है। इसके भी फुल नहीं होने पर वेटिंग वाले यात्री को बर्थ दी जाती है। वीआइपी कोटा छोड़ दें तो अधिकांश श्रेणी के आरक्षित बर्थ खाली रहती हैं। यही कारण है कि भीड़ के समय भी स्लीपर में सौ वेटिंग तक होने के बाद भी सीट कन्फर्म हो जाता है। लेकिन समस्या टिकट लेते समय होती है। व्यक्ति वेटिंग टिकट ले तो लेता है लेकिन उसे यह आइडिया नहीं होता कि कन्फर्म होगा या नहीं। इसको देखते हुए रेलवे बोर्ड के आदेश पर यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए क्रिस साफ्टवेयर तैयार कर रहा है। साफ्टवेयर काउंटर या ई-टिकट लेते समय कम्प्यूटर पर वेटिंग टिकट के साथ बर्थ कन्फर्म होने या नहीं होने की अधिकृत जानकारी देगा।
रेलवे बोर्ड सुरक्षित सफर व आधुनिक सिस्टम से यात्रियों को बेहतर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। बर्थ उपलब्ध कराने से संबंधित जानकारी देने के लिए क्रिस साफ्टवेयर तैयार कर रहा है। साफ्टवेयर तैयार होने के बाद सीट कन्फर्म होगी या नहीं के संशय में लोग नहीं रहेंगे। - अजय कुमार सिंघल, मंडल रेल प्रबंधक