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आसान होगा इलाज : 25 नई एंटीबायोटिक दवाएं लाने की हो रही तैयारी


मिट्टी से निकले जीवाणुओं की मदद से वैज्ञानिकों ने एक सुपर एंटीबायोटिक समेत 25 नई एंटीबायोटिक दवा बना ली है। दावा है कि इन दवाओं से संक्रमण से होने वाली कई बीमारियों का इलाज आसान हो जाएगा। ये दिल और पेट को नुकसान पहुंचाने वाले जानलेवा जीवाणुओं को भी खत्म करने में सक्षम हैं। चूहों पर इन दवाओं का प्रयोग सफल रहा है। 

दो साल के भीतर मनुष्य पर भी इनका प्रयोग शुरू हो जाएगा। अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन के कई वैज्ञानिकों ने मिलकर यह खोज की है।अमेरिका के उत्तरपूर्वी राज्य मेन के घास के मैदानों की मिट्टी में पाए जाने वाले जीवाणुओं से ये सभी दवाएं बनाई गई हैं।

शोधकर्ता डेमे सैली डेविस के मुताबिक जीवाणु और कवक प्राकृतिक रूप से कई एंटीबायोटिक बनाती हैं, जो उन्हें सुरक्षित रखती हैं। वहीं ये एंटीबायोटिक उन्हें खाने और वातावरण में मौजूद खतरनाक पदार्थो से भी बचाती हैं। पर इन प्राकृतिक जीवाणुओं का अध्ययन करना मुश्किल होता है क्योंकि इन्हें जमीन से निकालकर प्रयोगशाला में पैदा करना मुश्किल होता है। इस समस्या का हल निकालने के लिए हालिया अध्ययन में उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया गया।


बोस्टन की नार्थइस्टर्न यूनिवर्सिटी ने एक उपकरण विकसित किया। इसमें हजारों अतिसूक्ष्म खांचे बने थे। हर खांचे में एक जीवाणु को डालकर कुल 10 हजार जीवाणुओं को विकसित होने की जगह दी गई। इनमें से ही 25 जीवाणु ऐसे विकसित हुए जिनका इस्तेमाल दवा बनाने में किया जा सकता है। दावा है कि इन दवाओं से शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। जर्नल नेचर में यह शोध प्रकाशित हुआ है।