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अब ‘बैलून नेट’ से बरसेगा इंटरनेट, बीएसएनएल गूगल के सहयोग से शुरू करेगा सेवा

📌 एक हजार बैलून छोड़े जाएंगे आकाश में, खत्म होंगे मोबाइल टावर

📌 कॉल ड्रॉप की समस्या से भी मिलेगा छुटकारा

घना जंगल हो या घनी आबादी वाला क्षेत्र, मोबाइल को भरपूर सिग्नल मिलेंगे, जिससे न सिर्फ बाधा रहित इंटरनेट चलेगा बल्कि कॉल ड्रॉप की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। इसके लिए बीएसएनएल ने टावरों को हटाकर एक हजार बैलून आकाश में छोड़ने की शुरू कर दी है।

विश्व के कई विकसित देशों में जगह जगह पर लगे मोबाइल टावरों को हटाया जा रहा है। सेटेलाइट सिस्टम की तर्ज पर मोबाइल को सिग्नल उपलब्ध कराने के लिए आकाश में बैलून छोड़े जा रहे हैं। बैलून के अंदर मोबाइल को सिग्नल उपलब्ध कराने वाले उपकरण लगे होते हैं। यह उपकरण सौर उर्जा से संचालित होते हैं। एक बैलून से 30 से 40 किमी की दूरी तक मोबाइल को नेटवर्क उपलब्ध कराया जा सकता है तथा एक साथ एक लाख मोबाइल उपभोक्ता इंटरनेट चला सकते हैं व कॉल कर सकते हैं। हाईस्पीड से चलने वाले ब्रॉडबैंड सिस्टम से बैलून को जोड़ा जाता है। इसका नाम ‘बैलून नेट’ रखा गया है। इन्हें लगाने में गूगल बीएसएनएल को सहयोग करेगी।

फिलहाल, कंपनी एक हजार बैलून बीएसएनएल को उपलब्ध कराएगी। बैलून नेट स्थापित होने के बाद सेटेलाइट की तरह देश के हर कोने में मोबाइल को नेटवर्क उपलब्ध होगा। बैलून नेट स्थापित होने के बाद बिजली की खपत भी नहीं होगी।  बीएसएनएल के वरिष्ठ महाप्रबंधक रामशब्द यादव ने बताया कि बीएसएनएल ने गूगल के सहयोग से बैलून नेट सिस्टम शुरू करने की शुरू कर दी है। इसके लिए बैलून को कहां-कहां से ब्रॉडबैंड का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा सकता है, इसकी जांच की जा रही है।